मॉल मनोवैज्ञानिक तरकीबें इस्तेमाल करते हैं, जैसे समझौता प्रभाव, संवेदी अधिभार, जो खर्च बढ़ा सकते हैं।
छोटी डिस्काउंटेड वस्तुएं अक्सर आवेगी खरीदारी को बढ़ावा देती हैं, जो वित्तीय समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
मॉल में छोटी डिस्काउंटेड वस्तुओं की खरीदारी अक्सर योजना के बिना होती है, जो बजट बिगाड़ सकती है।
अधिकांश खरीदारों (89%) का आवेगी खरीदारी का इतिहास रहा है, और वे हर महीने काफी रकम खर्च करते हैं।
Fit Small Business के अनुसार, आवेगी खरीदारी सभी खरीदारियों का 40% से 80% तक हो सकती है (Fit Small Business)।
आवेगी खरीदारी उपभोक्ता व्यवहार का एक बड़ा हिस्सा है, और मॉल इसे प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
डिस्काउंट से उपभोक्ता को लगता है कि वे अच्छा सौदा पा रहे हैं, लेकिन उत्पाद की गुणवत्ता कम समझी जा सकती है।
छोटी डिस्काउंटेड वस्तुओं पर बार-बार खर्च से वित्तीय परेशानियां हो सकती हैं, क्योंकि ये खर्च जमा हो जाते हैं।
मॉल में छोटी डिस्काउंटेड वस्तुओं की खरीदारी से वॉलेट खाली हो सकता है, खासकर अगर बार-बार खरीदारी हो।
डिस्काउंट की आदत से खर्च बढ़ सकता है, क्योंकि लोग पूरे दाम पर खरीदने से बचते हैं।
शोध से पता चलता है कि मॉल में छोटे डिस्काउंटेड सामान खरीदने से वित्तीय कठिनाई हो सकती है, खासकर अगर यह आवेगी खरीदारी का हिस्सा हो।
ऐसा प्रतीत होता है कि डिस्काउंट्स लोगों को अनावश्यक सामान खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं, जो लंबे समय में खर्च बढ़ा सकते हैं।
सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि मॉल की मनोवैज्ञानिक रणनीतियाँ, जैसे सेंसररी ओवरलोड और एंकरिंग इफेक्ट, अधिक खर्च को बढ़ावा देती हैं।
अप्रत्याशित रूप से, मॉल स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर गरीब क्षेत्रों में, जिससे समुदाय की आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है।
आवेगी खरीदारी का जोखिम
मॉल में छोटे डिस्काउंटेड सामान अक्सर आवेगी खरीदारी को प्रेरित करते हैं। ये सामान सस्ते लगते हैं, लेकिन बार-बार खरीदने से खर्च बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 89% शॉपर्स ने कभी-न-कभी आवेगी खरीदारी की है, और औसतन प्रति माह $281.75 खर्च करते हैं (Impulse Buying Statistics)।
डिस्काउंट की मनोवैज्ञानिक चाल
मॉल मनोवैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हैं, जैसे मुफ्त सैंपल्स और संगीत की गति, जो खरीदारी को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए, धीमा संगीत (60–80 बीपीएम) ब्राउजिंग को प्रोत्साहित करता है, जिससे आप अधिक समय तक मॉल में रहते हैं और अधिक खर्च करते हैं (The psychology behind malls)।
लंबी अवधि का वित्तीय प्रभाव
छोटे डिस्काउंटेड सामान खरीदने से आपकी बचत कम हो सकती है, क्योंकि ये खर्च धीरे-धीरे जमा हो जाते हैं। इसके अलावा, अगर आप डिस्काउंट पर निर्भर हो जाते हैं, तो आप जरूरत से ज्यादा खर्च कर सकते हैं, जिससे वित्तीय तनाव बढ़ता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
मॉल स्थानीय छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर गरीब क्षेत्रों में। एक अध्ययन से पता चला है कि मॉल के पास के 75% व्यवसायों ने लाभ में कमी की रिपोर्ट की (Unwelcome intruders)। इससे समुदाय की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है, और आप अप्रत्यक्ष रूप से इससे प्रभावित हो सकते हैं।
मॉल आधुनिक उपभोक्ता संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जहां डिस्काउंट ऑफर उपभोक्ताओं को आकर्षित करते हैं। हालांकि, शोध से पता चलता है कि छोटे डिस्काउंटेड सामान खरीदने की आदत वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है। यह प्रभाव व्यक्तिगत वित्त और समुदाय की आर्थिक स्थिति दोनों पर पड़ता है।
आवेगी खरीदारी और डिस्काउंट का प्रभाव
आवेगी खरीदारी, या अनियोजित खरीद, मॉल में एक आम घटना है, खासकर छोटे डिस्काउंटेड सामान के मामले में। एक हालिया सर्वेक्षण (Impulse Buying Statistics) से पता चला है कि 89% शॉपर्स ने कभी-न-कभी आवेगी खरीदारी की है, और 2024 में औसत उपभोक्ता प्रति माह $281.75 खर्च करता है। यह खर्च मुख्य रूप से छोटे, सस्ते सामान पर होता है, जैसे कपड़े, खाद्य पदार्थ, और घरेलू सामान।
डिस्काउंट्स उपभोक्ताओं को खरीदारी के लिए प्रेरित करते हैं, भले ही सामान की आवश्यकता न हो। उदाहरण के लिए, 67% उपभोक्ता डिस्काउंट के कारण आवेगी खरीदारी करते हैं (Impulse Buying Statistics)। यह व्यवहार एक चक्र बनाता है, जहां उपभोक्ता डिस्काउंट की प्रतीक्षा करते हैं और फिर अनावश्यक सामान खरीदते हैं, जिससे वित्तीय तनाव बढ़ता है।
मॉल की मनोवैज्ञानिक रणनीतियाँ
मॉल उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने के लिए विभिन्न मनोवैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हैं, जो छोटे डिस्काउंटेड सामान की खरीद को बढ़ावा देती हैं। एक लेख (The psychology behind malls) में इन तकनीकों को विस्तार से समझाया गया है,
समझौता प्रभाव (Compromise Effect)
उपभोक्ता मध्य विकल्प चुनते हैं, जिससे प्रीमियम विकल्प आकर्षक लगते हैं।
स्टोर बेसिक, प्रीमियम, और सुपर-प्रीमियम विकल्प ऑफर करते हैं।
सेंसररी ओवरलोड (Sensory Overload)
दृष्टि, ध्वनि, और गंध का उपयोग खरीदार को व्यस्त रखने के लिए।
चमकीली रोशनी, खुशहाल संगीत, और बेकरी की गंध खरीदारी को बढ़ावा देती हैं।
एंकरिंग इफेक्ट (Anchoring Effect)
बिक्री मूल्य उपभोक्ता की धारणा को प्रभावित करता है।
हेडफोन Rs.2000 पर बिक्री पर हों, तो वे सस्ते लगते हैं, भले ही मूल्य अधिक हो।
फूड कोर्ट प्लेसमेंट
ऊपरी मंजिल पर फूड कोर्ट स्टोरों की खोज को प्रोत्साहित करते हैं।
खाने के बाद, उपभोक्ता और खरीदारी करते हैं।
संगीत की गति
धीमा संगीत (60–80 बीपीएम) ब्राउजिंग को बढ़ावा देता है, तेज संगीत (>100 बीपीएम) खरीदारी को तेज करता है।
सुबह धीमा संगीत, शाम को तेज संगीत।
मुफ्त सैंपल्स और डेमो
मुफ्त सैंपल्स उपभोक्ता को खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं, जैसे कि पारस्परिकता और एंगेजमेंट।
सैंपल ट्राई करने के बाद, उपभोक्ता खरीदने के लिए बाध्य महसूस करते हैं।
ये तकनीकें उपभोक्ताओं को अधिक समय तक मॉल में रखती हैं और अनावश्यक खरीदारी को बढ़ावा देती हैं, जिससे वित्तीय कठिनाई हो सकती है।
वित्तीय और सामाजिक प्रभाव
छोटे डिस्काउंटेड सामान की बार-बार खरीदारी से व्यक्तिगत वित्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक लेख (The Problems Behind Discounts) में बताया गया है कि 45% अमेरिकी महिलाओं को स्टोर में प्रवेश करने के लिए 41% या अधिक डिस्काउंट की आवश्यकता होती है, जो डिस्काउंट मानसिकता को बढ़ावा देती है। यह मानसिकता उपभोक्ताओं को आवश्यक खर्चों पर ध्यान देने के बजाय डिस्काउंट पर खरीदारी करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे बचत कम होती है।
इसके अलावा, मॉल गरीब क्षेत्रों में स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक अध्ययन (Unwelcome intruders) से पता चला है कि मॉल के पास के 75% व्यवसायों ने लाभ में कमी की रिपोर्ट की, और 60% स्पाजा दुकानें और 70% सामान्य डीलरों ने टर्नओवर में कमी देखी। यह तालिका मॉल के प्रभाव को स्पष्ट करती है:
छोटे व्यवसायों का विस्थापन
मॉल के पास के व्यवसायों को लाभ में कमी और बंद होने का सामना करना पड़ता है।
75% व्यवसायों (1 किमी के दायरे में) ने लाभ में कमी की रिपोर्ट की; 36.8% 4-5 किमी दूर भी प्रभावित।